आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लॉकडाउन के दौरान लगातार घर में रहकर काम या पढ़ने के कारण आंखों में होने वाली परेशानी, जैसे खुजली, सूखापन, आंखों से पानी आना, आंखों का लाल होना, सिरदर्द आदि समस्याओं में पांच से दस फीसद इजाफा हुआ.वैसे भी गर्मियों में आंखों के संक्रमण का खतरा अधिक रहता है.इस समस्या से सबसे ज्यादा कामकाजी लोग प्रभावित हो रहे हैं.इसका प्रमुख कारण बढ़ा हुआ स्क्रीन टाइम है।इसके अलावा आमतौर पर ऑफिस में कंप्यूटर पर 6 से 8 घंटे काम किया जाता है, लेकिन इस दौरान, टी या लंच ब्रेक के लिए कुछ समय तो आंखों को आराम देते ही थे.इधर घर में रहकर काम करने का शेड्यूल सुनिश्चित नहीं रहा, जो आंखों की परेशानी का सबब बना.इन समस्याओं से बचने के लिए आपको अपने काम के तौर-तरीके बदलने होंगे.खासकर स्क्रीन पर काम करने वाले लोग थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ मिनटों के लिए काम को रोक दें.कई बार कुछ समय के लिए हम आंखों को आराम देने के लिए लैपटॉप की स्क्रीन से दूरी बना लेते हैं, पर टीवी के सामने बैठ जाते हैं, यह तरीका कतई ठीक नहीं,
संपूर्ण संसार को कोरोना वायरस ने अपनी गिरफ्त में ले रखा है.इससे बचने के लिए लोगों ने घर में रहकर लगभग ढाई महीने का वक्त गुजारा.इस दौरान कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम के जरिए कर्मचारियों को घर से ही काम करने की छूट दी.हालांकि अब अनलॉक-1 चल रहा है, लेकिन अभी काफी हद तक वर्क फ्रॉम होम का विकल्प आजमाया जा रहा है.ऐसे में लगातार लैपटॉप, मोबाइल पर काम करना और देर तक टीवी स्क्रीन से चिपके रहना आंखों के लिए कई तरह समस्या का कारण बन रहा है.जानें क्या कहते है कानपुर के (एम.एस.) आई सर्जन डॉ. दिलप्रीत सिंह।like
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