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Rajya Sabha elections on 18 seats tomorrow, who will win?

 नईल्ली: देश भर के सात राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों के लिए 19 जून को मतदान कराए जाएंगे। इसमें आंध्र प्रदेश (4 सीट), गुजरात (4 सीट), झारखंड (2 सीट), मध्य प्रदेश (3 सीट), मणिपुर (1 सीट), मेघालय (1 सीट) एवं राजस्थान (3 सीट) शामिल हैं। इस मामले में बीजेपी व कांग्रेस पार्टी समेत अन्य दलों ने कमर कस ली है। दलों के भीतर बैठकों का दौर जारी है, ताकि विधायकों को दूसरे पाले में जाने से रोका जा सके। बता दें कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते राज्यसभा (Rajya Sabha) चुनाव मार्च में स्थगित कर दिए गए थे। राज्यसभा चुनाव के लिए 26 मार्च को मतदान होना था। मार्च में ही 38 सीटों पर निर्विरोध चुनाव होने के कारण 55 में सिर्फ 17 सीटों पर ही चुनाव होना बाकी था। निर्विरोध चुने गए लोगों को आयोग की ओर से विजयी प्रमाण लेटर दे दिये गये थे।

बता दें 25 फरवरी को निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना में कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, व मिजोरम का ना्म शामिल नहीं था। हालांकि चुनावी प्रक्रिया के देर होने व इन राज्यों में राज्यसभा की सीटों पर कार्यकाल समाप्त होने की वजह से नयी अधिसूचना में इन्हें भी शामिल किया गया, जिसके बाद जिन सीटों पर मतदान होना था उनकी संख्या बढ़कर 24 हो गई। हालांकि कर्नाटक में 4 सीटों पर निर्विरोध चुनाव संपन्न होने की वजह से जिन सीटों पर मतदान किया जाना था उनकी संख्या घटकर 20 रह गई। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में एक सीट पर सिर्फ एक उम्मीदवार होने की वजह से वहां भी मतदान की प्रक्रिया नहीं होगी ऐसे में अब कुल सीटों की संख्या 18 रह गई है।

आइए हम आपको अब तक के 10 खास अपडेट्स बताते हैं जो 10 राज्यों की राज्यसभा की 18 सीटों पर हो रहे चुनाव में आपके के लिए जानना महत्वपूर्ण हैं। 1-7 राज्यों की 18 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले मतदान में भाजपा व कांग्रेस पार्टी के बीच कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर का दावा किया जा रहा है।

2- अगर कोई विधायक कोरोना संक्रमित है तो उसे भी मतदान करने का मौका मिलेगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने डाक मतपत्र की व्यवस्था की है। चुनाव आयोग के अनुसार 19 जून को प्रातः काल 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी। वहीं 5 बजे शाम से काउंटिंग प्रारम्भ होगी।

3- गुजरात में राज्यसभा चुनाव से दो दिन पहले बुधवार को सत्तारूढ़ बीजेपी व विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने अपने अपने विधायकों के साथ बैठकें कीं। विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने भी अहमदाबाद हवाईअड्डे के पास एक पांच-सितारा होटल में अपने करीब 60 विधायकों के लिए वर्कशॉप आयोजित किया।

4- मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव के लिये कांग्रेस पार्टी ने दो उम्मीदवारों पूर्व सीएम दिग्वियज सिंह व वरिष्ठ दलित नेता फूल सिंह बरैया को मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व शासकीय कॉलेज में प्रोफेसर रहे समेर सिंह सोलंकी को अपना उम्मीदवार बनाया है। मप्र से फिर दिग्विजय सिंह का राज्यसभा में पहुंचना लगभग तय है, लेकिन जिस सीट से फूलसिंह बरैया संसद पहुंचते रहे हैं, उस मुकाबला मुश्किल होने के संभावना हैं।

5- राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान के बीच कुछ विधायकों को प्रलोभन के आरोपों के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने और समर्थक निर्दलीय तथा अन्य दलों के विधायकों को पिछले सप्ताह से एक व्यक्तिगत होटल में रखा है।

6- गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के आठ विधायकों ने त्याग पत्र दे दिया है। जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी के लिए संकट खड़ा हो गया है। गुजरात से कांग्रेस पार्टी के शशिकांत गोहिल व भरतसिंह सोलंकी का भविष्य तय होगा

7- बता दें कर्नाटक में 12 जून को ही पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा, वरिष्ठ कांग्रेस पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व दो बीजेपी उम्मीदवारों को कर्नाटक से राज्यसभा के लिए शुक्रवार को ‘सर्वसम्मति से’ निर्वाचित घोषित कर दिया गया। यहां चुनाव की आवश्यकता ही नहीं पड़ी क्योंकि चार सीटों के लिए कोई अलावा उम्मीदवार नहीं था।

8-झारखंड से भाजपा के प्रकाश झा के मुकाबले में कांग्रेस पार्टी ने शहज़ादा अनवर का नाम आगे रखा है। यहां एक सीट शिबू सोरेन की पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जा रही है।

9- राज्यसभा में भाजपा के पास अभी कुल 75 मेम्बर हैं व एनडीए की गिनती 91 की है। वहीं, कांग्रेस पार्टी 39 सदस्यों के साथ सदन में है जबकि यूपीए की ताकत 61 सदस्यों की है। बीते मार्च में हुए चुनाव के दौरान बीजेपी के सदस्यों की संख्या 81 से घट गई थी इसलिए इस बार बीजेपी कम से कम नौ सीटें जीतने के लिए पूरा दम लगा रही है।

10- भाजपा व कांग्रेस पार्टी दोनों के लिए यह चुनाव जरूरी है क्योंकि राज्यसभा में एनडीए के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। साथ ही बीजेपी के पास भी पूरी ताकत नहीं है, जिसकी वजह से विधेयक पास कराने में भाजपा को कई व दरवाजों का रुख करना पड़ता है वहीं कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई ताकत वापस पाने की जुगत में लगी हुई हैlike

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